एम डी एच वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी को ले कर फेसबुक पर गंदे बेहूदे मज़ाक छिटाकशीआप ने देखा होगा, लेकिन जब आप इनके बाड़े मे पढ़ेंगे और जानेंगे तो न सिर्फ अपने जीभ को काटेंगे बल्कि इनके समक्ष नतमस्तक हो जाएँगे ।वो एक सच्चे वैदिक विद्वान , पद्म भूषण ने सम्मानित उनकी जीवन गाथा युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है जो निठल्ले बैठे सरकार को कोसते रहते है ।कितनी अजीब बात है कभी कभी हम बिना जाने कितने महान कर्मठ और हिम्मती लोगो का मज़ाक बना देते है। कभी लगता है की बिना कुछ सोचे समझे हमने किसी का मज़ाक बना के किसी को बुरा बोल की कितना गुनाह किया है, ऐसे ही बहुत लोगो ने हमारे धर्मपाल गुलाटी जी जिनकी उम्र का मज़ाक बनाने हुए करते है।
अखंड भारत के पंजाब में सियालकोट में जन्मे महाशय जी के पिता की छोटी सी मसाले की दुकान थी नाम था महाशया दी हट्टी यानि हिंदी में महाशय जी की दुकान । आज़ादी के पूर्व ,स्वतंत्रता आंदोलन में सहभागी बने । बंटवारे के बाद ये संपन्न परिवार पहले भारतीय पंजाब के रिफ्यूजी कैम्प में रहा अपना सब कुछ लुटा कर । उनके पिता जी ने कुल 1500 रूपये ,महाशय जी को दिए और कुल इतनी राशि ले कर वो दिल्ली आये । करीब 650 रूपये में घोड़ा व तांगा ख़रीदा और 2 आना सवारी वाले तांगे के सहारे जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाई । फिर अपनी कुशाग्र बुद्धि से पुनः MDH यानि मसाले के कारोबार में उतरे। आज ये करीब 1000 करोड़ की कंपनी है , महाशय पूरी दुनिया में 'किंग ऑफ़ स्पाइस' माने जाते है । 1 हॉस्पिटल ,15 स्कूल स्वयं चलाते है । और हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार में तन मन धन से सहयोग देते है । एक सच्चे आर्य समाजी , सफल व्यवसायी , महा दानी और आज 96 वर्ष की आयु में भी योग व वैदिक जीवन चर्या के कारण स्वस्थ । तो इनका मज़ाक बनाने के पहले सोचियेगा । ये नमन के योग्य है ,मज़ाक के नहीं।
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