Saturday, April 13, 2024

आयुर्वेद से बैर क्यों ??

रामदेव पर इसलिए केस नहीं किया कि रामदेव ने कोई गुनाह किया। रामदेव पर केस इसलिए किया कि फिर कोई आयुर्वेद योग का ऐसा दृढ़ता से प्रचार न करे। 
फरमा का नेक्सस इतना बड़ा है कि वन डॉक्टर को खरीद रक्खा है ये दवाई लिखना हैनवो दवाई के बारे में भ्रम फैलाना है। कभी आप एक आयुर्वेद के वैध से या होम्योपैथी वाले डॉक्टर से पूछिए एलोपैथ के बारे में कभी आपको गलत तरीके से नहीं डपटेगा लेकिन अगर अपने कभी किसी एलोपैथ वाले से चर्चा भी कर दी आयुर्वेदिक या होम्योपैथी की वो ऐसे आपको बोलेगा कैसे अपने पता नहीं कितना बड़ा गुनाह कर दिया। आजकल एलोपैथी वाले डॉक्टर भी मिलेट की बात करने लगे हैं जो आयुर्वेद हजारों साल से कर रहा है। आज एलोपैथी वाले डॉक्टर भी सैर की बात कर रहे है जो हजारों साल से हम अपने परिवार में सुनते आए है। यह दुश्मनी एलोपैथी होम्योपैथी आयुर्वेद यानानी इत्यादि की नहीं है बल्कि सारा किया धरा इस फरमा गैंग का है जो डॉक्टर को लालच कट गिफ्ट का वादा कर के अपनी दवाई लिखने को वाद्य करते है और डॉक्टर लिखते है और मरीज को एक बार के डॉक्टर के पास जाने में कम से कम १००० २००० का खर्च करना ही पड़ता है और अगर खुदा न खस्ता टेस्ट कराना पड़ जाए तो ५००० से १०००० हजार कहीं नहीं गया। मरीजों पर इतना प्रेशर बना देते है बाकी छोड़ो जेनेरिक दवाई की बात करने में भी डर ही लगाता।
एलोपैथी में शुगर ब्लडप्रेशर कोलेस्ट्रॉल इत्यादि का इलाज क्या है पूरी जिंदगी दवाई खाइए और अपनी किडनी लीवर की ऐसी तैसी करवाए अगर रामदेव या कोई और आयुर्वेद या कोई और इलाज पद्धति इसका समूल इलाज करने की बात करती है टोंक्या उसे डरा के दबा देने की जरूरत है या उसे बढ़ावा देने की और रिसर्च करवाने की? असली मकसद क्या है किसी भी पद्धति का कि रोगी निरोग है या कि पूरी जिंदगी दूध और खाने की तरह उनकी दवाई उठौना हो जाए? जब रामदेव कहते ही कि उन्होंने लाखो लोगो की मिमारी जड़ से खतम की है तो उनको की कर के डरा धमाका के चीरने फाड़ने की बात कर के उन्हें दबा देना चाहिए या उनकी दावों की सच्चाई जान के इलाज में आयुर्वेद को भी एक पुद्धति के रूप में बढ़ावा देना चाहिए? 
सरकार को अगर सही में कुछ करना है तो उसे फरमा नेक्सस के बलून को फोड़ने की जरूरत है कि मुसीबत के समय २ रुपए की दवाई १०००० में बीके ।
कोर्ट को ये भी देखना चाहिए की जरूरी दवाएं और टेस्ट कितने महंगे किए जाए है कैसे बड़े बड़े हस्पताल लोगो को लूटते है कैसे मारे हुए मरीजों को वेंटीलेटर पर रख के बिल बनाया जाता है कैसे डेंगू के इलाज में २५लाख का बिल बना दिया जाता है कैसे टेस्ट के नाम पर हजारों रुपयों की उगाही की जाती है लेकिन कोर्ट को इस बात की कहां चिंता है कि मैगी कितनी जहरीली है कोल्ड ड्रिंक का जो दिन राह हमारे अभिनेता और बड़े लोग कर रहे है वो कितना खतरनाक है जो खाने के समाने में थूका मूता जाता है कैसे जहर मिलाया जाता है खाद्य पदार्थों में लेकिन इस बात की उनको क्या चिंता क्योंकि उनको और एक बहुत बड़े नेक्सस का दिन रात का ये टास्क की कैसे आयुर्वेद और बाकी के चिकित्सा पद्धतियों को नीम हकीम खतराए जान बना के दिखाया जाए। 
हजारों सालों से हमारे पूर्वज आयुर्वेद और आयुर्वेदिक पद्धति को फॉलो कर के हमसे ज्यादा स्वास्थ्य रहे है  सरकार और कानून को चाहिए की फिर से इस पद्धति को बढ़ाया जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए कि सब मिल के काम कर सके कि जहां आयुर्वेद से काम चल जाए वहां आयुर्वेद और जहां एलोपैथी की जरूरत वहां एलोपैथी दुश्मनी की जरूरत ही क्या ? चिकित्सा व्यवस्था की एकमात्र उद्देश्य है एक रोगी को निरोगी बनाना और उसकी तरफ हो काम होना चाहिए, वो किस पद्धति से स्वास्थ्य होता है ये महत्वपूर्ण नहीं को स्वास्थ्य हो जाए हमेशा के लिए ये पहतवापूर्ण है।

__इनफिनिटी

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