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Tuesday, September 15, 2020

MDH वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी


एम डी एच वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी को ले कर फेसबुक पर गंदे बेहूदे मज़ाक छिटाकशीआप ने देखा होगा, लेकिन जब आप इनके बाड़े मे पढ़ेंगे और जानेंगे तो न सिर्फ अपने जीभ को काटेंगे बल्कि इनके समक्ष नतमस्तक हो जाएँगे ।वो एक सच्चे वैदिक विद्वान , पद्म भूषण ने सम्मानित उनकी जीवन गाथा युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है जो निठल्ले बैठे सरकार को कोसते रहते है ।कितनी अजीब बात है कभी कभी हम बिना जाने कितने महान कर्मठ और हिम्मती लोगो का मज़ाक बना देते है। कभी लगता है की बिना कुछ सोचे समझे हमने किसी का मज़ाक बना के किसी को बुरा बोल की कितना गुनाह किया है, ऐसे ही बहुत लोगो ने हमारे धर्मपाल गुलाटी जी जिनकी उम्र का मज़ाक बनाने हुए करते है।
अखंड भारत के पंजाब में सियालकोट में जन्मे महाशय जी के पिता की छोटी सी मसाले की दुकान थी नाम था महाशया दी हट्टी यानि हिंदी में महाशय जी की दुकान । आज़ादी के पूर्व ,स्वतंत्रता आंदोलन में सहभागी बने । बंटवारे के बाद ये संपन्न परिवार पहले भारतीय पंजाब के रिफ्यूजी कैम्प में रहा अपना सब कुछ लुटा कर । उनके पिता जी ने कुल 1500 रूपये ,महाशय जी को दिए और कुल इतनी राशि ले कर वो दिल्ली आये । करीब 650 रूपये में घोड़ा व तांगा ख़रीदा और 2 आना सवारी वाले तांगे के सहारे जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाई । फिर अपनी कुशाग्र बुद्धि से पुनः MDH यानि मसाले के कारोबार में उतरे। आज ये करीब 1000 करोड़ की कंपनी है , महाशय पूरी दुनिया में 'किंग ऑफ़ स्पाइस' माने जाते है । 1 हॉस्पिटल ,15 स्कूल स्वयं चलाते है । और हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार में तन मन धन से सहयोग देते है । एक सच्चे आर्य समाजी , सफल व्यवसायी , महा दानी और आज 96 वर्ष की आयु में भी योग व वैदिक जीवन चर्या के कारण स्वस्थ । तो इनका मज़ाक बनाने के पहले सोचियेगा । ये नमन के योग्य है ,मज़ाक के नहीं।

Sunday, May 17, 2020

मोदी है तो ही मुमकिन है


शुरू में सब साड़ी चीजें सही हो रही थी चीजें सही से मैनेज की जा रही थी फिर ये अव्यवस्था किसने फैलाई ? अमेरिका में 89,498 हज़ार मौते इटली में 31,763 UK में 34,466 और ऐसे ही विक्सित की ऐसी हालत है वैसे में मोदी जी के लॉक डाउन करने के कारण और एफ्फिसेंटली काम करने के कारण हमारे यहाँ मौतों का आंकड़ा 2,872 है इससे लग रहा था मोदी जी सही कर रहे थे पूरी दुनिया में ये सन्देश जाने लगा फिर मार्क्सवादीओ और कोंग्रेसीओ की हवा टाइट होने लगी की आखिर मोदी सफल कैसे हो रहा है कोविड को कण्ट्रोल करने में आखिर इस महामारी में भी देश का माहौल सकारात्मक कैसे बना हुआ है, उसके बाद शुरू हुआ फॉरेन फंडेड मिडिया हाउस का प्रोपोगंडा जिसमे मजदूरों को दिखाया जाना लगा उसमे टेक और रीटेक भी लिए गए और कभी कभी पुराने बांग्लादेश के मीग्रेंट्स की फोटो भी लगा दी गई और फिर शुरू हुआ मोदी को गाली देने की अंधी जिस मोदी ने हर वो व्यवस्था करने की कोशिश की जो किया जाना चाहिए था, पैसे रिलीज करना डिरेक्ट लोगो के अकाउंट में डालना, लॉक डाउन को ऐसा बनाना की लोगो को ज्यादा परेशानी न हो.


पता नहीं अचानक क्या हुआ की मुंबई राजस्थान दिल्ली गुजरात पंजाब हरियाणा से मजदूर भागने लगे आखिर ऐसा क्या हुआ की मजदूरों गरीबो को भर पेट खाना खिलाने का दावा करने वाले राज्यों से लोग भागना शुरू किये, ये तो सबको पता था की लॉक डाउन है फिर उन मजदूर को ख्याल क्यों नहीं रक्खा गया इन राज्यों में उनको विश्वास क्यों नहीं दिलाया गया की वो वहां सुरक्षित है और वो पता नहीं किस अफवाह के फ़ैलाने के कारण भागने की होड़ में लग गया? दिल्ली में रोहिंग्या बांग्लादेशी को तो बहुत अच्छे से खाना खिलाया जा रहा है कोर्ट में जबाव दिया जा चुका है फिर आखिर वो बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश के गरीबो और मजदूरों को क्यों नहीं संभाल के रक्खा जा सके , इसलिए की मोदी को गली दिया जा सके उसे दोषी साबित किया जा सके, जो लोग आज मोदी जी को गालिया रहे है वो एक बार राज्य सरकारों से एक सवाल क्यों नहीं पूछते की जब मोदी राज्य सरकारों की हर संभव मदद कर रही है फिर राज्य सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है और इसा समय अव्यस्था फ़ैलाने का कारण बन रही है.

लोगो को सोंचना चाहिए जिस मोदी ने कोरोना को फ़ैलाने नहीं दिया मौत के आकड़े को सरथिर रक्खा उसको इस समय गाली देने और कोसने का क्या मतलब अभी तो समय ये है की पूरा देश हर राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिल के लोग के लिए काम करे जितना हो सकता है मजदूरों और मजबूरो की मदद किया जाय पॉलिटिक्स तो बाद में भी हो सकता है, आत्मनिर्भर होने का मजाक बाद में भी उड़ाया जा सकता है, ये करने के बजाये उधर ममता दी नाक फुलाये बैठी है उद्धव ठाकरे पता नहीं अलग राजनीति करने में लगा है, इस समय में प्यूष गोयल जी का रेलवे का काम सराहनीये है उनके साइज़ लगन से और ईमानदार हो के हर राज्य सरकार काम करे तो हम इस महामारी से जल्दी छुटकारा पा सकते है लेकिन पॉलिटिक्स तो होगी क्योकि लोगो के पेट में पच नहीं रहा की व्यवस्था कैसे ठीक रहे कैसे उसको बिगाड़ा जो मोदी बदनाम हो चाहे मजदूरों और मजबूरो के जान के कीमत पे ही क्यों न हो एक बार ऐसा प्रयास जमातियों के द्वारा किया जा चूका है और ऐसा प्रयास विदेशो ताकतों के हाथ में खेलने वाली मिडिया जरूर दिखाएगी की मजदूर कैसे मरे बेशक उसके लिए उन्हों रीटेक करना पड़े लेकिन ये कभीनहीं बताएगी कई कैसे योगी जी पुरे लग्न से काम कर रहे है और कैसे यहाँ की पोलिस उनकी मदद कर रही है.

हाँ कमी तो रही है और कमी सुधारि जानी चाहिए लेकिन वो ऐसे नहीं सुधारि जा सकती की हम और आप व्यवस्था को बिगाड़े बल्कि जो संभव हो अपनी तरफ से लोगो की मदद करे, अभी हर किसी का दायित्व है की एक दूसरे की मदद करे एक राज्यों को दूसरे राज्य की राज्यों को सेंटर गवर्नमेंट की तभी हम इससे पार पा सकते है नहीं तो उंगली करते रहे और अव्यवस्था अगर फैलाये तो ये ढाई हज़ार मौत का आंकड़ा कैसे करोडो में फ़ैल जाएगा भारत में ये पता ही नहीं लगेगा। कुछ लोगो की परेशानी ये भी है की जहाँ अमेरिका चीन इटली जैसे देशो ने घुटने तक दिए वैसे भारत जैसे गरीब और उनके अनुसार पिछड़ा हुआ देश चीजों को कैसे इतनी अच्छी तरह से संभाल रहा है, लोग जाने जानते है मोदी क्या कर रहे है और अफवाह फैलाने की हर कोशिश फिर बर्वाद होगी जैसे मोदी के खिलाफ पहले हुई है क्योकि एक ईमानदार मेहनत हमेशा सफल होती है और एक बेईमान साजिश हमेसा असफल. जो सोनिया मजदूरों को फ्री टिकट दे रही थी पूछी उसने कितना दान किया है दान करना तो छोड़िये उसके मंदिर तो कोरोना के बहाने मंदिरो से सोना लुटाने में लग गए है अब समझ आता है की अगर मोदी के बदले सेंटर में कांग्रेस होती तो मंदिरो से सोना लूटा जाता घोटाले होते मेडिकल टूल्स की मास्क की जो पैसे मजदूरों के खाते डिरेक्ट जा रहे है वो जाते कांग्रेस के नाताओं के जेब में.

कमेंट करना बहुत आसान है लेकिन इतने बड़ी महामारी को मोदी की तरह संभालना कितन मुश्किल है अपने को मोदी जी की जगह रख के देखिये अपने एक छोटे से घर को संभालने में तो हमें नानी याद आयी रहती है और मोदी तो देश संभाल रहे है वो भी १३० करोड़ का
सोचियेगा जरूर

#इंफिनिटी

Wednesday, August 2, 2017

Someone else will take credit

Let's kill fight destroy, God will take credit for that.
Let's ruin destruct Religion will take credit for that
Lets Cuts the trees Building will take the credit for that
Let's Rape the Girls Clothes will take credit for that
Let's cheat lie, Credit will go surely to others.
Let's take bribe, Work will take the credit for that
Let's abort an unborn life doctors will take credit for that
Let's kill the childhood and competition will take credit for that
Let's molest someone behaviour will take credit for that
Let's cheat someone Kal Aug will take credit for that
Let's cheat our partner's satisfaction will take credit for that
Let's discard old parent's Generation gap will take credit for that
Let's divide us, foreigners will take credit for that


Stop fooling around, It's more than we than them, Look in the Mirror passionately Mirror shows what we are ...

__Infinity

Monday, March 7, 2016

Thursday, September 3, 2015

Friday, May 8, 2015

Money Power

पैसो की ताकत FIR को अमीरों तक पाहुचने नहीं देती और गरीबो को FIR तक ॥ सब माया है फिर भी हर तरफ इसकी छाया है ... //SS

Sunday, May 3, 2015

Is Baba Ramdev a culprit or victim?






While writing this i could not hold myself to be unbiased, people may find some unbiased but try to some reasoning.

People call him:

Thug

Not yet a person can say that Baba Ramdev has cheated them, there is no incident where Baba has demanded money or snatched forcefully, people donate on their will. There are lot many thugs roaming around in India including Indian as well as foreign country. We can see people mixing colors to food items, we see people mixing stones in food items no one is there to catch them or at least point out that they are doing something wrong. There are many foreign companies who are selling medicines which have been long back banned in foreign countries due to ill effect, but no one there to talk about us.
When Baba Ramdev started research on Ayurveda, and started bringing Ayurveda medicines in market they were certified and well cheaper than other products for the same purpose. When Ramdev Baba medicines started catching up the marked and people started believing in them, the companies started getting insecure and the tried find out representative of them in politics to defame Baba Ramdev but they are not able to prove it yet for so many years. If there would be even a small mistake Baba would be in jail till now as many other Babas.

Dhongi: