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Sunday, May 17, 2020

मोदी है तो ही मुमकिन है


शुरू में सब साड़ी चीजें सही हो रही थी चीजें सही से मैनेज की जा रही थी फिर ये अव्यवस्था किसने फैलाई ? अमेरिका में 89,498 हज़ार मौते इटली में 31,763 UK में 34,466 और ऐसे ही विक्सित की ऐसी हालत है वैसे में मोदी जी के लॉक डाउन करने के कारण और एफ्फिसेंटली काम करने के कारण हमारे यहाँ मौतों का आंकड़ा 2,872 है इससे लग रहा था मोदी जी सही कर रहे थे पूरी दुनिया में ये सन्देश जाने लगा फिर मार्क्सवादीओ और कोंग्रेसीओ की हवा टाइट होने लगी की आखिर मोदी सफल कैसे हो रहा है कोविड को कण्ट्रोल करने में आखिर इस महामारी में भी देश का माहौल सकारात्मक कैसे बना हुआ है, उसके बाद शुरू हुआ फॉरेन फंडेड मिडिया हाउस का प्रोपोगंडा जिसमे मजदूरों को दिखाया जाना लगा उसमे टेक और रीटेक भी लिए गए और कभी कभी पुराने बांग्लादेश के मीग्रेंट्स की फोटो भी लगा दी गई और फिर शुरू हुआ मोदी को गाली देने की अंधी जिस मोदी ने हर वो व्यवस्था करने की कोशिश की जो किया जाना चाहिए था, पैसे रिलीज करना डिरेक्ट लोगो के अकाउंट में डालना, लॉक डाउन को ऐसा बनाना की लोगो को ज्यादा परेशानी न हो.


पता नहीं अचानक क्या हुआ की मुंबई राजस्थान दिल्ली गुजरात पंजाब हरियाणा से मजदूर भागने लगे आखिर ऐसा क्या हुआ की मजदूरों गरीबो को भर पेट खाना खिलाने का दावा करने वाले राज्यों से लोग भागना शुरू किये, ये तो सबको पता था की लॉक डाउन है फिर उन मजदूर को ख्याल क्यों नहीं रक्खा गया इन राज्यों में उनको विश्वास क्यों नहीं दिलाया गया की वो वहां सुरक्षित है और वो पता नहीं किस अफवाह के फ़ैलाने के कारण भागने की होड़ में लग गया? दिल्ली में रोहिंग्या बांग्लादेशी को तो बहुत अच्छे से खाना खिलाया जा रहा है कोर्ट में जबाव दिया जा चुका है फिर आखिर वो बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश के गरीबो और मजदूरों को क्यों नहीं संभाल के रक्खा जा सके , इसलिए की मोदी को गली दिया जा सके उसे दोषी साबित किया जा सके, जो लोग आज मोदी जी को गालिया रहे है वो एक बार राज्य सरकारों से एक सवाल क्यों नहीं पूछते की जब मोदी राज्य सरकारों की हर संभव मदद कर रही है फिर राज्य सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है और इसा समय अव्यस्था फ़ैलाने का कारण बन रही है.

लोगो को सोंचना चाहिए जिस मोदी ने कोरोना को फ़ैलाने नहीं दिया मौत के आकड़े को सरथिर रक्खा उसको इस समय गाली देने और कोसने का क्या मतलब अभी तो समय ये है की पूरा देश हर राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिल के लोग के लिए काम करे जितना हो सकता है मजदूरों और मजबूरो की मदद किया जाय पॉलिटिक्स तो बाद में भी हो सकता है, आत्मनिर्भर होने का मजाक बाद में भी उड़ाया जा सकता है, ये करने के बजाये उधर ममता दी नाक फुलाये बैठी है उद्धव ठाकरे पता नहीं अलग राजनीति करने में लगा है, इस समय में प्यूष गोयल जी का रेलवे का काम सराहनीये है उनके साइज़ लगन से और ईमानदार हो के हर राज्य सरकार काम करे तो हम इस महामारी से जल्दी छुटकारा पा सकते है लेकिन पॉलिटिक्स तो होगी क्योकि लोगो के पेट में पच नहीं रहा की व्यवस्था कैसे ठीक रहे कैसे उसको बिगाड़ा जो मोदी बदनाम हो चाहे मजदूरों और मजबूरो के जान के कीमत पे ही क्यों न हो एक बार ऐसा प्रयास जमातियों के द्वारा किया जा चूका है और ऐसा प्रयास विदेशो ताकतों के हाथ में खेलने वाली मिडिया जरूर दिखाएगी की मजदूर कैसे मरे बेशक उसके लिए उन्हों रीटेक करना पड़े लेकिन ये कभीनहीं बताएगी कई कैसे योगी जी पुरे लग्न से काम कर रहे है और कैसे यहाँ की पोलिस उनकी मदद कर रही है.

हाँ कमी तो रही है और कमी सुधारि जानी चाहिए लेकिन वो ऐसे नहीं सुधारि जा सकती की हम और आप व्यवस्था को बिगाड़े बल्कि जो संभव हो अपनी तरफ से लोगो की मदद करे, अभी हर किसी का दायित्व है की एक दूसरे की मदद करे एक राज्यों को दूसरे राज्य की राज्यों को सेंटर गवर्नमेंट की तभी हम इससे पार पा सकते है नहीं तो उंगली करते रहे और अव्यवस्था अगर फैलाये तो ये ढाई हज़ार मौत का आंकड़ा कैसे करोडो में फ़ैल जाएगा भारत में ये पता ही नहीं लगेगा। कुछ लोगो की परेशानी ये भी है की जहाँ अमेरिका चीन इटली जैसे देशो ने घुटने तक दिए वैसे भारत जैसे गरीब और उनके अनुसार पिछड़ा हुआ देश चीजों को कैसे इतनी अच्छी तरह से संभाल रहा है, लोग जाने जानते है मोदी क्या कर रहे है और अफवाह फैलाने की हर कोशिश फिर बर्वाद होगी जैसे मोदी के खिलाफ पहले हुई है क्योकि एक ईमानदार मेहनत हमेशा सफल होती है और एक बेईमान साजिश हमेसा असफल. जो सोनिया मजदूरों को फ्री टिकट दे रही थी पूछी उसने कितना दान किया है दान करना तो छोड़िये उसके मंदिर तो कोरोना के बहाने मंदिरो से सोना लुटाने में लग गए है अब समझ आता है की अगर मोदी के बदले सेंटर में कांग्रेस होती तो मंदिरो से सोना लूटा जाता घोटाले होते मेडिकल टूल्स की मास्क की जो पैसे मजदूरों के खाते डिरेक्ट जा रहे है वो जाते कांग्रेस के नाताओं के जेब में.

कमेंट करना बहुत आसान है लेकिन इतने बड़ी महामारी को मोदी की तरह संभालना कितन मुश्किल है अपने को मोदी जी की जगह रख के देखिये अपने एक छोटे से घर को संभालने में तो हमें नानी याद आयी रहती है और मोदी तो देश संभाल रहे है वो भी १३० करोड़ का
सोचियेगा जरूर

#इंफिनिटी

Monday, May 11, 2015

Don’t use Mosquito coil/repellents/mats Smoke 100 cigarette instead.






Don’t use Mosquito coil Smoke 100 cigarette instead.

Note: Views are personal don’t compel you to subscribe to it.

It is always been said that Old Is gold, our ancestors are smart enough to use Mosquito Nets instead of all those 3 minutes mosquito killers, coils, liquids, mats. Don’t you thing something which can kill mosquito which is a living being like use will not affect us in the same way.
Just to let you know once I use to use mosquito repellent and which I use to keep near to bed and after few days I felt that I was having some problem in breathing, I was not able to understand why it was happening, after analyzing for some time I kept the repellent far from the bed and realized that the my breathing became normal within 1-2 days.
It’s better to use natural things then to these synthesized products which affect us a lot with the time. The shortcuts will not lead us anywhere but to bad health scenarios. Fast and portable is not always good.