Sunday, July 17, 2022

#India crosses #200crore Covid-19 #vaccinations: Day to remember


#India crosses #200crore Covid-19 #vaccinations: Day to remember 

#India crossed the milestone of administering 200 #crores (#2billion) #Covid-19 vaccine doses at around Sunday noon, almost one-and-a-half years after starting the drive in #January 2021. The country crossed the milestone of the first 100 crore (1 billion) doses on October 21 last year in nine months since the vaccination drive started. The next 100 crore doses also come after another nine months.
#India has crossed a big milestone of giving 2 billion #vaccine doses, a year after it launched the #world's largest #vaccination drive against #coronavirus. The country has been trying to ramp up #vaccination efforts amid global concerns over fresh #Covid waves.

#कोरोनावायरस के खिलाफ #वैक्सीनेशन के क्षेत्र में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश में #कोरोना #वैक्सीन की अब तक दी जाने वाली खुराक की संख्या #200करोड़ को पार गई है। #भारत ने यह उपलब्धि 546 दिनों में हासिल की है। भारत को 100 करोड़ टीके तक पहुंचने में 277 दिन लगे थे। वहीं, भारत में #वैक्सीनेशन का आंकड़ा #200करोड़ पहुंचने पर विश्व #स्वास्थ्यसंगठन (#WHO) ने तारीफ की है।
#डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ #पूनमखेत्रपालसिंह ने कहा, “200 करोड़ से अधिक #कोरोना #वैक्सीन खुराक देने के लिए भारत को बधाई। यह देश की प्रतिबद्धता और #महामारी के प्रभाव को कम करने के प्रयासों का एक और सबूत है।” पीएम #नरेंद्रमोदी ने भी 200 करोड़ #वैक्सीन की खुराक पार करने और कोरोना के खिलाफ #वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए #राष्ट्र को बधाई दी है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री #मनसुखमंडाविया ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि #भारत ने अब तक COVID19 वैक्सीन की #200करोड़ खुराक को पार कर लिया है।

#BankBachaoDeshBachao #Trending today, there is a possibility that #Government will privatise all the PSU banks leaving only SBI as PSU

Wednesday, October 13, 2021

Government Departments and accountability

Sometimes it seems only a few ministers besides Modi is working and the rest are waiting for everything to be done by ModiJi and other ministers who are working, Corona spread Health minister was sleeping, the health department was snoring, Coal was about to finish and coal ministry coal minister and different energy generation units decision-makers were on Kumbhkaran sleep. 70 years of misrule and corrupt system has made us reactive and not proactive.

We wake up when people die, we start to protest when rapes are done, we react when water is already over our head and then go and sleep again till other misfortune appears to happen again.
Every department, every employee every government official every bureaucrat needs to be accountable if their negligence purposefully then the people should lose their salary or job then things will get in order.
A system can not function as the only basis of a single person every part of the system must try and contribute to their part.
There are many departments in the country which need transformation and accountability must be set and monitored.


Business Opportunities

As #EV are entering #India the day is not far when #EVs will be all over in our country, people are just waiting for better and reliable omnipresent charging station the way we have #PetrolPumns now, once the number of #ChargingStatino proliferate the demand of #EVs will shoot up.
This will not only open a business opportuning seeing the huge population of #India but all create an opportunity of few other business opportunities.
When people will start switching over to the #EVs the demand for vehicles that run on gasoline/diesel/petrol will reduce for sure which will open the following opportunities for people to get their hand in business:
  1. Scrap Business: As #IndianGovernment is reducing the validity of vehicles running on nonrenewable energy so there is a huge opportunity for #Scrapping #Business and has huge potential.
  2. People can start building #ChargingStation as people has #PetrolPumbs now.
  3. Demand for renewable energy generation sill increase where the private players may enter into #Energy Generations.

So people whose thinking is futuristic then for sure they will think of #Scraping business opportunities where investment is limited and the benefits are limitless.


#opportunity #investment #people #renewableenergy #building #EVs #EV #electriccar #electricalvehicles

Tuesday, September 15, 2020

MDH वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी


एम डी एच वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी को ले कर फेसबुक पर गंदे बेहूदे मज़ाक छिटाकशीआप ने देखा होगा, लेकिन जब आप इनके बाड़े मे पढ़ेंगे और जानेंगे तो न सिर्फ अपने जीभ को काटेंगे बल्कि इनके समक्ष नतमस्तक हो जाएँगे ।वो एक सच्चे वैदिक विद्वान , पद्म भूषण ने सम्मानित उनकी जीवन गाथा युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है जो निठल्ले बैठे सरकार को कोसते रहते है ।कितनी अजीब बात है कभी कभी हम बिना जाने कितने महान कर्मठ और हिम्मती लोगो का मज़ाक बना देते है। कभी लगता है की बिना कुछ सोचे समझे हमने किसी का मज़ाक बना के किसी को बुरा बोल की कितना गुनाह किया है, ऐसे ही बहुत लोगो ने हमारे धर्मपाल गुलाटी जी जिनकी उम्र का मज़ाक बनाने हुए करते है।
अखंड भारत के पंजाब में सियालकोट में जन्मे महाशय जी के पिता की छोटी सी मसाले की दुकान थी नाम था महाशया दी हट्टी यानि हिंदी में महाशय जी की दुकान । आज़ादी के पूर्व ,स्वतंत्रता आंदोलन में सहभागी बने । बंटवारे के बाद ये संपन्न परिवार पहले भारतीय पंजाब के रिफ्यूजी कैम्प में रहा अपना सब कुछ लुटा कर । उनके पिता जी ने कुल 1500 रूपये ,महाशय जी को दिए और कुल इतनी राशि ले कर वो दिल्ली आये । करीब 650 रूपये में घोड़ा व तांगा ख़रीदा और 2 आना सवारी वाले तांगे के सहारे जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाई । फिर अपनी कुशाग्र बुद्धि से पुनः MDH यानि मसाले के कारोबार में उतरे। आज ये करीब 1000 करोड़ की कंपनी है , महाशय पूरी दुनिया में 'किंग ऑफ़ स्पाइस' माने जाते है । 1 हॉस्पिटल ,15 स्कूल स्वयं चलाते है । और हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार में तन मन धन से सहयोग देते है । एक सच्चे आर्य समाजी , सफल व्यवसायी , महा दानी और आज 96 वर्ष की आयु में भी योग व वैदिक जीवन चर्या के कारण स्वस्थ । तो इनका मज़ाक बनाने के पहले सोचियेगा । ये नमन के योग्य है ,मज़ाक के नहीं।

Sunday, May 17, 2020

मोदी है तो ही मुमकिन है


शुरू में सब साड़ी चीजें सही हो रही थी चीजें सही से मैनेज की जा रही थी फिर ये अव्यवस्था किसने फैलाई ? अमेरिका में 89,498 हज़ार मौते इटली में 31,763 UK में 34,466 और ऐसे ही विक्सित की ऐसी हालत है वैसे में मोदी जी के लॉक डाउन करने के कारण और एफ्फिसेंटली काम करने के कारण हमारे यहाँ मौतों का आंकड़ा 2,872 है इससे लग रहा था मोदी जी सही कर रहे थे पूरी दुनिया में ये सन्देश जाने लगा फिर मार्क्सवादीओ और कोंग्रेसीओ की हवा टाइट होने लगी की आखिर मोदी सफल कैसे हो रहा है कोविड को कण्ट्रोल करने में आखिर इस महामारी में भी देश का माहौल सकारात्मक कैसे बना हुआ है, उसके बाद शुरू हुआ फॉरेन फंडेड मिडिया हाउस का प्रोपोगंडा जिसमे मजदूरों को दिखाया जाना लगा उसमे टेक और रीटेक भी लिए गए और कभी कभी पुराने बांग्लादेश के मीग्रेंट्स की फोटो भी लगा दी गई और फिर शुरू हुआ मोदी को गाली देने की अंधी जिस मोदी ने हर वो व्यवस्था करने की कोशिश की जो किया जाना चाहिए था, पैसे रिलीज करना डिरेक्ट लोगो के अकाउंट में डालना, लॉक डाउन को ऐसा बनाना की लोगो को ज्यादा परेशानी न हो.


पता नहीं अचानक क्या हुआ की मुंबई राजस्थान दिल्ली गुजरात पंजाब हरियाणा से मजदूर भागने लगे आखिर ऐसा क्या हुआ की मजदूरों गरीबो को भर पेट खाना खिलाने का दावा करने वाले राज्यों से लोग भागना शुरू किये, ये तो सबको पता था की लॉक डाउन है फिर उन मजदूर को ख्याल क्यों नहीं रक्खा गया इन राज्यों में उनको विश्वास क्यों नहीं दिलाया गया की वो वहां सुरक्षित है और वो पता नहीं किस अफवाह के फ़ैलाने के कारण भागने की होड़ में लग गया? दिल्ली में रोहिंग्या बांग्लादेशी को तो बहुत अच्छे से खाना खिलाया जा रहा है कोर्ट में जबाव दिया जा चुका है फिर आखिर वो बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश के गरीबो और मजदूरों को क्यों नहीं संभाल के रक्खा जा सके , इसलिए की मोदी को गली दिया जा सके उसे दोषी साबित किया जा सके, जो लोग आज मोदी जी को गालिया रहे है वो एक बार राज्य सरकारों से एक सवाल क्यों नहीं पूछते की जब मोदी राज्य सरकारों की हर संभव मदद कर रही है फिर राज्य सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है और इसा समय अव्यस्था फ़ैलाने का कारण बन रही है.

लोगो को सोंचना चाहिए जिस मोदी ने कोरोना को फ़ैलाने नहीं दिया मौत के आकड़े को सरथिर रक्खा उसको इस समय गाली देने और कोसने का क्या मतलब अभी तो समय ये है की पूरा देश हर राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिल के लोग के लिए काम करे जितना हो सकता है मजदूरों और मजबूरो की मदद किया जाय पॉलिटिक्स तो बाद में भी हो सकता है, आत्मनिर्भर होने का मजाक बाद में भी उड़ाया जा सकता है, ये करने के बजाये उधर ममता दी नाक फुलाये बैठी है उद्धव ठाकरे पता नहीं अलग राजनीति करने में लगा है, इस समय में प्यूष गोयल जी का रेलवे का काम सराहनीये है उनके साइज़ लगन से और ईमानदार हो के हर राज्य सरकार काम करे तो हम इस महामारी से जल्दी छुटकारा पा सकते है लेकिन पॉलिटिक्स तो होगी क्योकि लोगो के पेट में पच नहीं रहा की व्यवस्था कैसे ठीक रहे कैसे उसको बिगाड़ा जो मोदी बदनाम हो चाहे मजदूरों और मजबूरो के जान के कीमत पे ही क्यों न हो एक बार ऐसा प्रयास जमातियों के द्वारा किया जा चूका है और ऐसा प्रयास विदेशो ताकतों के हाथ में खेलने वाली मिडिया जरूर दिखाएगी की मजदूर कैसे मरे बेशक उसके लिए उन्हों रीटेक करना पड़े लेकिन ये कभीनहीं बताएगी कई कैसे योगी जी पुरे लग्न से काम कर रहे है और कैसे यहाँ की पोलिस उनकी मदद कर रही है.

हाँ कमी तो रही है और कमी सुधारि जानी चाहिए लेकिन वो ऐसे नहीं सुधारि जा सकती की हम और आप व्यवस्था को बिगाड़े बल्कि जो संभव हो अपनी तरफ से लोगो की मदद करे, अभी हर किसी का दायित्व है की एक दूसरे की मदद करे एक राज्यों को दूसरे राज्य की राज्यों को सेंटर गवर्नमेंट की तभी हम इससे पार पा सकते है नहीं तो उंगली करते रहे और अव्यवस्था अगर फैलाये तो ये ढाई हज़ार मौत का आंकड़ा कैसे करोडो में फ़ैल जाएगा भारत में ये पता ही नहीं लगेगा। कुछ लोगो की परेशानी ये भी है की जहाँ अमेरिका चीन इटली जैसे देशो ने घुटने तक दिए वैसे भारत जैसे गरीब और उनके अनुसार पिछड़ा हुआ देश चीजों को कैसे इतनी अच्छी तरह से संभाल रहा है, लोग जाने जानते है मोदी क्या कर रहे है और अफवाह फैलाने की हर कोशिश फिर बर्वाद होगी जैसे मोदी के खिलाफ पहले हुई है क्योकि एक ईमानदार मेहनत हमेशा सफल होती है और एक बेईमान साजिश हमेसा असफल. जो सोनिया मजदूरों को फ्री टिकट दे रही थी पूछी उसने कितना दान किया है दान करना तो छोड़िये उसके मंदिर तो कोरोना के बहाने मंदिरो से सोना लुटाने में लग गए है अब समझ आता है की अगर मोदी के बदले सेंटर में कांग्रेस होती तो मंदिरो से सोना लूटा जाता घोटाले होते मेडिकल टूल्स की मास्क की जो पैसे मजदूरों के खाते डिरेक्ट जा रहे है वो जाते कांग्रेस के नाताओं के जेब में.

कमेंट करना बहुत आसान है लेकिन इतने बड़ी महामारी को मोदी की तरह संभालना कितन मुश्किल है अपने को मोदी जी की जगह रख के देखिये अपने एक छोटे से घर को संभालने में तो हमें नानी याद आयी रहती है और मोदी तो देश संभाल रहे है वो भी १३० करोड़ का
सोचियेगा जरूर

#इंफिनिटी